मोदी गारंटी पर राज्य शासन स्तर पर तैयारियां शुरू, कैबिनेट की पहली बैठक में होगा,फैसला किसानों को इसी माह 3793 करोड़ रुपए बकाया धान बोनस का भुगतान





(डी एस न्यूज) रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी पांच साल के बाद दोबारा सरकार बनने जा रही है। इसके साथ ही भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र-मोदी गारंटी के क्रियान्वयन को लेकर शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। सरकार गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में आवासहीन गरीयों और किसानों से किए गए कुछ वादों को लेकर निर्णय होगा। चुनावी वादे के अनुरूप राज्य के धान बेचने वाले किसानों को खरीफ विपणन वर्ष वर्ष 2016-17 च 2017-18 का बकाया बोनस 300धान खरीदी69,57,245 56,88,347बकाया बोनस 2087 (धान की मात्रा मीट्रिक टन व राशि करोड़ रुपए में 18 लाख आवासों का निर्माण पूरा करने की चिंताl
  
इसके अलावा भाजपा की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट की बैठक

में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 18 लाख परों का निर्माण पूरा करने के लिए धनराशि का आवंटन किया जाएगा। आवास निर्माण के लिए भी करोड़ों रुपए की राशि खर्च होगी और बजट में राशि का प्रावधान करना पड़ेगा।

रुपए प्रति क्विंटल को दर से इसी साल राष्ट्रीय सुशासन दिवस पर 25 दिसंबर को दिया जाएगा। इन दो वर्षों में धान बेचने वाले 12 लाख से

अधिक किसानों को धान बकाया बोनस की राशि करीब 3793 करोड़ रुपए का भुगतान उनके बैंक खातों में ऑनलाइन किया जाना है।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक खरीफ विपणन वर्ष वर्ष 2016-17

किसानों से ये भी वादे 

विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पोषणा पत्र जारी करते हुए विधानसभा चुनाव के लिए मोदी गारंटी लांच करते हुए कृषक उन्नति योजना लागू करने को घोषणा की थी। इस योजना के तहत 21 क्विंटल प्रति एकड़ भान खरीदी होगी। 3100 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी होगी। किसानों को भुगतान बिना लाइन लगे एक ही किस्त में किया जाएगा। हर पंचायत भवन में बैंकों के नगदी आहरण काउंटर चनाए जाएंगे। थान खरीदी से पहले ही बारदानों की व्यवस्था की जाएगी।



में 69 लाख 57 हजार 245 मीट्रिक टन और वर्ष 2017-18 में 56 लाख 88 हजार 347 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इसी तरह वर्ष 2016-17 में बोनस प्रति क्विंटल 300 रुपए के हिसाब से कुल 2087.17 करोड़ रुपए और वर्ष 2017-18 में कुल 1706.53 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को होगा। यानी धान बोनस बकाया के भुगतान के लिए राज्य सरकार को तत्काल कुल 3793 करोड़ रुपए की राशि की जरूरत पड़ेगी। इस रकम की व्यवस्था राज्य सरकार किस मद से करेगी यह अभी तय नहीं है, क्योंकि बकाया बोनस भुगतान के लिए फिलहाल चालू वित्तीय वर्ष के बजट में राशि का प्रावधान नहीं किया गया है। वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि पांच साल पुराना बकाया होने के कारण वास्तविक हितग्राही किसानों को उनके बैंक खाते में राशि भुगतान में तकनीकी अड़चनें भी आ सकती हैं। धान बेचने वाले कई किसानों

खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 2017-18

का बैंक खाता बदल गया है। वहीं, जमीन का बंटवारा व नामांतरण भी हो चुका है। ऐसे में बकाया बोनस की राशि धान बेचने वाले बास्तविक किसान के बैंक खाते में जमा होगी या नहीं, इस पर काम किया जा रहा है।

0 टिप्पणियाँ