भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की घोषणा की. एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती दिखाई है. बैंकों के बैलेंस शीट में मजबूती दिखी है. केंद्रीय बैंक की एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. आरबीआई गवर्नर के अनुसार, इसके फलस्वरूप स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% और सीमांत स्थायी सुविधा दर तथा बैंक दर 6.75% पर बनी हुई है. आरबीआई गवर्नर ने FY24 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
घरेलू मांग के कारण अर्थव्यवस्था में तेजीएमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है. लागत खर्च में कमी से विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती आई है। सरकारी खर्चे से निवेश के रफ्तार में आई तेजी है. एग्रो क्रेडिट में ग्रोथ से रिकवरी बेहतर होने का अनुमान है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि चिंताजनकआरबीआई गवर्नर ने का कि नवंबर- दिसंबर महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि महंगाई के लिहाज से चिंता का कारण बना हुआ है।
ग्रामीण मांग में सुधार दिख रही है. FY 24 के सीपीआई 5.4 प्रतिशत पर बने रहने का अनुमान है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर चार प्रतिशत पर लाने के प्रति आरबीआई प्रतिबद्ध है, और हर संभव कोशिशें कर रहा है. सीपीआई अनुमान 5.6 प्रतिशत पर बरकरारआरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चीनी की कीमतों में तेजी से चिंता बढ़ी है. इसके अलावा RBI ने महंगाई के अनुमान को भी जारी किया है।
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